नाबार्ड ने 44वां स्थापना दिवस मनाया

नाबार्ड ने 44वां स्थापना दिवस मनाया

NABARD celebrates its 44th Foundation Day

NABARD celebrates its 44th Foundation Day

हरियाणा में 700 पैक्स अब नाबार्ड द्वारा कम्प्यूटरीकृत: डॉ. अरविंद शर्मा, सहकारिता मंत्री, हरियाणा

13 करोड़ किसान पैक्स में शामिल हो चुके हैं: डॉ. अरविंद शर्मा, सहकारिता मंत्री

 चंडीगढ़, 16 जुलाई: NABARD celebrates its 44th Foundation Day: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने 16 जुलाई 2025 को चंडीगढ़ के ललित होटल में अपना 44वां स्थापना दिवस मनाया।

हरियाणा के माननीय सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा इस समारोह के मुख्य अतिथि थे, साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक श्री विवेक श्रीवास्तव; नाबार्ड हरियाणा क्षेत्रीय कार्यालय की मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती निवेदिता तिवारी; नाबार्ड पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक श्री वी.के. आर्य और एसएलबीसी हरियाणा के संयोजक श्री ललित तनेजा भी इस समारोह में उपस्थित थे।

NABARD celebrates its 44th Foundation Day

माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने एफपीओ, एसएचजी, जेएलजी और एचपीसी द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें हस्तनिर्मित एवं प्रसंस्कृत उत्पाद प्रदर्शित किए गए थे। नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती निवेदिता तिवारी ने उन्हें इन पहलों की जानकारी दी। डॉ. शर्मा ने प्रदर्शकों से संवाद किया और उनकी उद्यमिता यात्रा के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया।

माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने नाबार्ड के 44वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में, महात्मा गांधी द्वारा देखे गए और अब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हो रहे 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने गांधीजी के कथन, "भारत की आत्मा गाँव में बस्ती है" को उद्धृत करते हुए, समग्र ग्रामीण विकास को विकसित भारत का मूल बताया।
 
डॉ. शर्मा ने सहकारी क्षेत्र को मज़बूत करने पर सरकार के ज़ोर पर प्रकाश डाला, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन भी शामिल है। आज, 13 करोड़ किसान पैक्स से जुड़ चुके हैं और पैक्स का विस्तार हर गाँव तक करने की योजना है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी ने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए 500 सीएम पैक्स को शामिल करने वाले बजट की घोषणा की है।

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उन्होंने एक जीवंत सहकारी नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और प्रगति के संदर्भ में ग्रामीण-शहरी अंतर को पाटने पर ज़ोर दिया, जिसे वर्तमान में प्रस्तावित एक नई सहकारी नीति द्वारा समर्थित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी के नेतृत्व में, हरियाणा तेज़ी से प्रगति कर रहा है—24 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला और किसान-केंद्रित योजनाएँ शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
 
डॉ. शर्मा ने सहकारी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत के पहले त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना भी एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि नाबार्ड ने हरियाणा में 700 पैक्स (पैक्स) का कम्प्यूटरीकरण किया है, जिससे अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है।
 
उन्होंने मोदी सरकार के 11 वर्षों के कार्यकाल में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लक्ष्यों को लागू करने में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और स्थापना दिवस की थीम, "ग्रामीण भारत की आवाज़" की सराहना की। समापन करते हुए, डॉ. शर्मा ने दोहराया: "सशक्त ग्रामीण, सशक्त भारत" और "संघ चले, संघ बढ़े" - साथ मिलकर चलें, साथ मिलकर बढ़ें।
 
क्षेत्रीय निदेशक श्री विवेक श्रीवास्तव ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पैक्स को ग्राम-स्तरीय स्टार्टअप इन्क्यूबेटरों के रूप में विकसित होना चाहिए, जो स्थानीय उद्यमियों को पूंजी, प्रशिक्षण, बाज़ार पहुँच और डिजिटल उपकरण प्रदान करें। उन्होंने त्रि-स्तरीय दृष्टिकोण का प्रस्ताव रखा: पारदर्शिता और डिजिटलीकरण के साथ संस्थागत सुधार; साझेदारी और फिनटेक के माध्यम से वित्तीय नवाचार; और युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता देकर सामाजिक सशक्तिकरण, संयुक्त ग्राम नियोजन को समर्थन, और "एक गाँव, एक उत्पाद" जैसी पहल।

NABARD celebrates its 44th Foundation Day

नाबार्ड हरियाणा की मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती निवेदिता तिवारी ने पिछले चार दशकों में कृषि ऋण को आगे बढ़ाने, सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और ग्रामीण कौशल और उद्यमिता को पोषित करने में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। पिछले 43 वर्षों में, नाबार्ड ने किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, संयुक्त देयता समूहों और गैर-कृषक उत्पादक संगठनों सहित जमीनी स्तर के ग्रामीण संस्थानों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में, नाबार्ड ने सहकारी बैंकों को पुनर्वित्त सहायता प्रदान की है, जिससे वित्तीय सेवाओं की अंतिम छोर तक डिलीवरी संभव हुई है। कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस (सीबीएस और सीबीएस+) जैसी बुनियादी ढांचागत प्रगति और प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के कम्प्यूटरीकरण के माध्यम से, नाबार्ड ने प्रौद्योगिकी और परिचालन दक्षता के साथ सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है।

कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने पैक्स कम्प्यूटरीकरण योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पैक्स, डीसीसीबी और एसटीसीबी को सम्मानित किया। साथ उन्होंने, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को पंजीकरण प्रमाण पत्र एवं इक्विटी अनुदान प्रदान किए, तथा डेयरी समितियों को माइक्रो एटीएम भी वितरित किए गए।

इस अवसर पर राज्य सरकार और सार्वजनिक, निजी और सहकारी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ पैक्स, एफपीओ, गैर सरकारी संगठनों और नाबार्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
 
नोट: नाबार्ड का स्थापना दिवस वास्तव में 12 जुलाई को होता है, परंतु नाबार्ड चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा इसे आज, 16 जुलाई 2025 को मनाया